Tuesday 16th September 2024 at 6:45 PM
यह आस्था और साधना की शिद्दत पर ही निर्भर करेगा
बहुत से मामले और बहुत सी बातें बिलकुल सच होते हैं लेकिन उनका सच दिखाई नहीं देता। उनका कोई सबूत भी नहीं होता। उन्हें साबित करना संभव नहीं होता। बहुत से मामलों में सच जैसा कुछ दिखाई तो देता है लेकिन होता वह झूठ ही है। विज्ञान की प्रयोगशाला में सब कुछ साबित करना संभव भी नहीं होता। यही सच्चाई तंत्र मंत्र और यंत्र के प्रयोग पर भी लागू होती है। इसे विश्वास नहीं सवालों के चश्मे से देखना उचित भी नहीं क्यूंकि तंत्र मंत्र उन लोगों के बिगड़े हुए काम ज़रूर बना देते हैं जिनका आत्म विश्वास डगमगा चुका होता है। जिन्हें खुद पर विश्वास नहीं रहा होता। तंत्र मंत्र उन्हें फायदा पहुंचाते हैं।
इसी तरह के ढंग तरीकों से उनके मन की एकाग्रता भी बढ़ती है और दिमाग की भी। तंत्र-मंत्र-यंत्र और साथ में सामूहिक जाप उनमें शक्ति जगाता है। यह जाएगी हुई शक्ति ही उनमें एक नए जोश का संचार करती है। आप इस शक्ति को कोई भी नाम दे सकते हैं। वैसे जिस शक्ति के नाम से जाप हो रहा होता उस समय साधक के सामने वही शक्ति साकार हुई होती है। अल्पकाल की सिद्धि भी कह सकते हैं। जाप रोज़ हो रहा हो तो यही स्थाई सिद्धि भी बन जाती है।
तंत्र मन्त्र और यंत्र का प्रयोग यूं तो व्यक्तिगत और आध्यात्मिक उद्देश्यों के लिए किया जाता है। लेकिन आजकल हर रोज़ की ज़िन्दगी में आने वाली छोटी मोती ज़रूरतों के लिए भी इस तरह के प्रयोग होने लगे हैं। वास्तव में यह एक प्राचीन पद्धति है जो विभिन्न उद्देश्यों की प्राप्ति और अभिप्रेत शक्तियों के प्रकटीकरण के लिए उपयोगी मानी जाती है। इसके वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक आधार होते हैं। अगर कोई व्यक्ति आध्यात्मिक तौर पर जाग जाता है तो उसके काम खुद-ब-खुद बनने लगते हैं। उसके सामने कोई गलत व्यक्ति आने से घबराने लगता है। शक्ति का जागना यही होता है।
तंत्र मन्त्र का प्रभाव व्यक्ति के निश्चित उद्देश्यों और उपास्य देवता/शक्ति के संबंध में भी निर्भर करता है। कुछ लोग इसे अपने साधना और स्वयं सुधार के लिए उपयोग करते हैं, जबकि दूसरे लोग यह उपयोग विशेष प्रभावों, जैसे धन, स्वास्थ्य, संघर्ष, प्रेम आदि की प्राप्ति के लिए करते हैं। इस तरह के दुनियावी काम तो अपने आप बनने लगते हैं। उनका प्रभामंडल भी सुधरने लगता है। चेहरे की चमक भी बढ़ जाती है।
तंत्र मन्त्र के प्रभाव को व्यक्ति के श्रद्धा, विश्वास, साधना की क्षमता, उचित नियमों का पालन और निरंतरता प्रभावित कर सकते हैं। तंत्र मन्त्र की सफलता परिणाम व्यक्ति की अन्तरंग स्थिति, कर्म, दैवीय अनुमति आदि पर भी निर्भर करते हैं। साधक अंदर से जितना शुद्ध और सच्चा होगा उसे फायदा भी उतना बड़ा और जल्दी होने लगेगा। जो साधक साधना में ईमानदार नहीं होते उनकी साधना फलित नहीं होती। मामला उल्टा भी पढ़ जाता है।
हालांकि, तंत्र मन्त्र का उपयोग करने के दौरान सभी सावधानियां और सम्पूर्णता के साथ कार्य किया जाना चाहिए। यह मान्यता है कि तंत्र मन्त्र का दुरूपयोग अनुकरणीय प्रभावों के साथ आएगा और इससे दुष्प्रभाव भी हो सकता है। यह सब साधक की नीयत पर निर्भर करता है। साफ़ है तो आपके परिणाम भी जल्द आने लगेंगे।
सफलता व्यक्ति की साधना, अध्ययन, कर्म और परिश्रम पर निर्भर करती है। तंत्र मन्त्र का प्रयोग उन लोगों द्वारा किया जाता है जो निरंतर अभ्यास करते हैं, शिक्षा प्राप्त करते हैं, आदर्शों का पालन करते हैं और नियमित रूप से अपनी साधना को जारी रखते हैं। निरंतरता और शुद्धता इस मामले में बहुत महत्व रखती है।
अच्छी गुरुभक्ति, निष्ठा, निरंतरता और सम्पूर्णता के साथ तंत्र मन्त्र के प्रयोग से सफलता की संभावना बढ़ सकती है, लेकिन इसका प्रयोग समय-समय पर अनुभवित और निश्चित गतिविधियों के साथ ही करना चाहिए। परंतु एकदिवसीय प्रयासों से मानसिक, शारीरिक या आर्थिक अभिवृद्धि की प्राप्ति निश्चित नहीं होती है। यह एक संशोधित प्रकृति और प्रयोग के लिए अवधारित कार्य है जो समय, तत्परता और समर्पण की मांग करता है। शिद्दत के साथ पूरा समर्पण, पूरी भक्ति, पूरी शुद्धता अगर हैं तो आप का मकसद सफल रहेगा।
आप अगर ईमानदारी से समर्पित हो कर साधना करते हैं तो यकीन रखिए फायदे भी ज़रूर होंगें। शक्ति जागेगी तो आपको इसका अहसास भी कराएगी।