Friday, October 29, 2021

हमारे जीवन का मूल स्रोत हैं भगवान

भगवान से टूट कर हम कहीं के नहीं रहते 

सोशल मीडिया: 29 अक्टूबर 2021 (इंटरनेट//तंत्र स्क्रीन डेस्क)

बहुत से लोगों के चेहरों पर देखते ही लगता है जैसे वे बहुत मक्कार हैं, बहुत ही शैतान हैं, बहुत ही चालक हैं, बहुत ही झूठे हैं, बहुत ही फरेबी हैं। दूसरी तरफ बहुत से लोग ऐसे भी मिलते हैं जिनके चेहरों पर सदा बहार मुस्कान सी छाई रहती है। उनके चेहरे पर एक दिव्य सी चमक होती है। उनके चेहरेव से नूर बरस रहा होता है। उनकी आंखें  अपनत्व का संदेश दे रही होती हैं।  चेहरे पर इस तरह के प्रभाव अंतर्मन से ही आते हैं। सच कहा जाता है ज्ञान भरे मुहावरों में भी कि अनुभवी  लोग चेहरे से ही सब कुछ देख सकते हैं।  मन का दर्पण सब कुछ चेहरे पर ही दिखा देता है। अभिनय करने वाले भी इसका प्रभाव ज़्यादा देर तक रोक नहीं पाते। आखिर क़ज़ा रहस्य है चेहरे की चमक दमक ह्री सकारत्मकता काऔर शैतानी भरी नकरत्मक्ता का। जीवन सार के अंतर्गत एनर्जी गुरु के तौर पर जाने जाते पं.रमेश चन्द शास्त्री बताते हैं बहुत भी गहरा रहस्य।

पं. रमेश चंद शास्त्री
एक दिलचस्प कहानी भी सुनाते हैं पंडित जी। आप भी पढ़िए इसका संक्षिप्त सा रूप। जब भगवान ने मछली का निर्माण करना चाहा, तो उसके जीवन के लिये उनको समुद्र से वार्ता करनी पड़ी। जब भगवान ने पेड़ों का निर्माण करना चाहा, तो उन्होंने पृथ्वी से बात की। लेकिन जब भगवान ने मनुष्य को बनाना चाहा, तो उन्होंने खुद से ही विचार-विमर्श किया। तब भगवान ने कहा- मुझे अपने आकार और समानता वाला मनुष्य का निर्माण करना है और फिर उन्होंने अपने समान मनुष्य को बनाया।

अब यह बात ध्यान देने योग्य है, यदि हम एक मछली को पानी से बाहर निकालते हैं तो‌ वो मर जाएगी, और जब हम जमीन से एक पेड़ उखाड़ते हैं तो वो भी मर जाएगा। इसी तरह, जब मनुष्य भगवान से अलग हो जाता है, तो वो भी मर जाता है।भगवान हमारा एकमात्र सहारा है। हम उनकी सेवा और शरणागति के लिए बनाए गए हैं। हमें हमेशा उनके साथ जुड़े रहना चाहिए, क्योंकि केवल उनकी कृपा के कारण ही हम जीवित रह सकते हैं।

अतः हम भगवान से सदैव जुड़े रहें। हम देख सकते हैं कि मछली के बिना पानी फिर भी पानी है, लेकिन पानी के बिना मछली कुछ भी नहीं है। पेड़ के बिना प्रथ्वी फिर भी प्रथ्वी ही है, लेकिन प्रथ्वी के बगैर पेड़ कुछ भी नहीं है।‌ इसी तरह, मनुष्य के बिना भगवान, भगवान ही हैं लेकिन बिना भगवान के मनुष्य कुछ भी नहीं है। इस युग में भगवान से जुड़ने का एक सरल उपाय शास्त्रों में वर्णन है - हरिनाम सुमिरन।

राम नाम की लूट है लूट सके तो लूट

अंत समय पछताएगा जब प्राण जाएंगे छूट

पं. रमेश चंद शास्त्री जहां संजीवनी एस्ट्रो हीलिंग पॉइंट भी चलाते हैं वहीँ माईंड मेजिक नाम से रेगुलर पेज कलम भी लिखते हैं। उन्हें मेडिकल जानकारी भी है एक ही बार-एक ही खुराक-से तंदरुस्त करने की कला में भी वह अभियस्त हैं।

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