मृत्यु के गहरे सत्यों की चर्चा बहुत ही सादगी भरे शब्दों में
एकलव्य की ओर से सम्पादित
तंत्र के हर पहलू पर वैज्ञानिक और स्वस्थ चर्चा: Contact:medialink32@gmail.com WhatsApp Number +919915322407
Sunday, July 28, 2013
ओशो तन्त्र मेडिटेशन:एक झलक
Uploaded on Dec 14, 2011
Tantric Meditations - Evolving Through the Chakras is suitable for practitioners who have practical yoga experience and a basic knowledge of the energy centres. It contains a Chakra Shuddhi cleansing meditation, a Yoga Nidra psychic sleep meditation featuring a Sankalpa, breathing techniques and visualizations and a Gauri Ganesha chant.
These effortless ancient techniques have been adapted to suit our modern needs by Paramahansa Satyananda and are guided by Swami Muktidharma, a teacher of the Satayananda tradition who has over 35 years of dedication and experience sharing these techniques.
When practiced on a regular basis these techniques allow you to awaken an understanding and awareness of the more subtle aspects of your being.
Tantric Meditations - Evolving Through the Chakras is accompanied by a free PDF guide book that provides supporting information on Yoga Nidra, Chakra Shuddhi as well as practice guidelines.
Tantric Meditations - Evolving Through the Chakras contains the following tracks
1. Chakra Shuddhi - Cleansing Meditation (28 min)
2. Yoga Nidra - Psychic Sleep Meditation (36 min)
3. Gauri Ganesha - Chant (3 min)
These effortless ancient techniques have been adapted to suit our modern needs by Paramahansa Satyananda and are guided by Swami Muktidharma, a teacher of the Satayananda tradition who has over 35 years of dedication and experience sharing these techniques.
When practiced on a regular basis these techniques allow you to awaken an understanding and awareness of the more subtle aspects of your being.
Tantric Meditations - Evolving Through the Chakras is accompanied by a free PDF guide book that provides supporting information on Yoga Nidra, Chakra Shuddhi as well as practice guidelines.
Tantric Meditations - Evolving Through the Chakras contains the following tracks
1. Chakra Shuddhi - Cleansing Meditation (28 min)
2. Yoga Nidra - Psychic Sleep Meditation (36 min)
3. Gauri Ganesha - Chant (3 min)
Saturday, June 15, 2013
3 Types of Maya(Illusion)
Published on Aug 5, 2012
A talk by Sri Sri Ravi Shankar on Illusion / Maya
What is Maya and the different types of Maya? Sri Sri Ravi Shankar explains "When one understands the 3 types of maya (illusion), one does not get caught up or deluded by siddhis (spiritual accomplishments). One remains centered within and in knowledge."
What is Maya and the different types of Maya? Sri Sri Ravi Shankar explains "When one understands the 3 types of maya (illusion), one does not get caught up or deluded by siddhis (spiritual accomplishments). One remains centered within and in knowledge."
For the complete transcript of this talk:http://www.artofliving.org/three-type...
मेडिटेशन/Meditation Techniques in Hindi
मेडिटेशन का बहुत ही गहरा ज्ञान बहुत ही सादगी से
This video tell about deep meditation. A journey from beginning to end. It tell using 3D models that how easy and simple to meditate.Meditation techniques are easy. For full knowledge of kundalini jagran. Awaken 6th sense. Watch this video. It will tell in scientific way how we are part of universe. But this is in Hindi only. Posted on You Tube byLakhwinder Singh
This video tell about deep meditation. A journey from beginning to end. It tell using 3D models that how easy and simple to meditate.Meditation techniques are easy. For full knowledge of kundalini jagran. Awaken 6th sense. Watch this video. It will tell in scientific way how we are part of universe. But this is in Hindi only. Posted on You Tube byLakhwinder Singh
Thursday, April 18, 2013
पीरखाना में मेले के लिए संगत पहुंचनी शुरू
पीरखाना लुधियाना में मेले की सभी तैयारियां मुक्कमल
के लिए सजाई गई ढाई एकड़ जमीन भी कम पड़ने की आशंका
तन्त्र, मन्त्र, भक्ति और अध्यात्मिक ढंग तरीकों से लोगों को राहत प्रदान करने के मामले में तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है लुधियाना का न्यू अग्रवाल पीरखाना और इस दरबार के मुख्य सेवादार बंटी बाबा। श्री लखदाता पीर जी निगाहें वाले का जन्म दिन इस बार भी बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। बंटी बाबा की देख रेख और मार्गदर्शन में लुधियाना के न्यू अग्रवाल पीरखाना में इस बार भी यह मेल पूरे जोशो खरोश के साथ लग रहा है। इस बार लगने वाले मेले का स्वरूप पहले के सभी मेलों से विशाल होगा। आयोजन की सफलता के लिए बनी गई अलग अलग टीमें कुशलता से अपना अपना काम कर रही हैं। मेले की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लुधियाना के गली बाजारों में एक बार फिर उत्साह पूर्ण चहल पहल है। मेले से पहले ही मेले का माहौल बना हुआ है। गौरतलब है कि इस बार मेले में सूफी गायन को नई बुलंदियों पर पहुँचाने वाले गुरदास मान भी विशेष तौर पर पहुँच रहे हैं। बाबा जी की पवित्र चादर अजमेर शरीफ से लाई जा रही है। लोगों के उत्साह को देखते हुए इस बार ढाई एकड़ जगह केवल पंडाल के लिए ले ली गयी है। इस सम्बन्ध में निकलने वाली भव्य रथ यात्रा को लेकर भी संगत में भारी उत्साह है। यह रथ यात्रा 20 अप्रैल को दरेसी मैदान से चलेगी और अपने रूट से होती हुई पीरखाना पहुँच कर विश्राम करेगी। अगले दिन अर्थात 21 अप्रैल को सुबह साढ़े दस बजे चादर की रस्म होगी।इसके बाद 11बजे झंडे की रस्म होगी और इसके तुरंत बाद दोपहर को एक बजे केक काटा जायेगा। शाम होते होते चार बजे होगी मेहँदी की रस्म और पांच बजे शुरू होगी सूफियाना शायरी की महफिल। सूफी गायन की मस्ती के ये प्याले अगले दिन 22 अप्रैल को भी छलकेंगे। मस्ती की इस महफिल में गुरदास मान के साथ ही हंसर हयात निजामी, अनीस साबरी, शकील साबरी, सरदार अली, अमित धर्मकोटी, राकेश राधे, ललित गोयल, टोनी सुल्तान और बहुत से अन्य कलाकार। सूफी एंकर हेमंत वालिया मंच संचालन करेंगे। दूरदराज से आने वाली संगत के लिए विशेष प्रबंध किये गए हैं तांकि किसी को भी कोई असुविधा न हो।-रेक्टर कथूरिया
पीरखाना लुधियाना में मेले की सभी तैयारियां मुक्कमल
के लिए सजाई गई ढाई एकड़ जमीन भी कम पड़ने की आशंका
तन्त्र, मन्त्र, भक्ति और अध्यात्मिक ढंग तरीकों से लोगों को राहत प्रदान करने के मामले में तेज़ी से लोकप्रिय हो रहा है लुधियाना का न्यू अग्रवाल पीरखाना और इस दरबार के मुख्य सेवादार बंटी बाबा। श्री लखदाता पीर जी निगाहें वाले का जन्म दिन इस बार भी बहुत धूमधाम से मनाया जा रहा है। बंटी बाबा की देख रेख और मार्गदर्शन में लुधियाना के न्यू अग्रवाल पीरखाना में इस बार भी यह मेल पूरे जोशो खरोश के साथ लग रहा है। इस बार लगने वाले मेले का स्वरूप पहले के सभी मेलों से विशाल होगा। आयोजन की सफलता के लिए बनी गई अलग अलग टीमें कुशलता से अपना अपना काम कर रही हैं। मेले की सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। लुधियाना के गली बाजारों में एक बार फिर उत्साह पूर्ण चहल पहल है। मेले से पहले ही मेले का माहौल बना हुआ है। गौरतलब है कि इस बार मेले में सूफी गायन को नई बुलंदियों पर पहुँचाने वाले गुरदास मान भी विशेष तौर पर पहुँच रहे हैं। बाबा जी की पवित्र चादर अजमेर शरीफ से लाई जा रही है। लोगों के उत्साह को देखते हुए इस बार ढाई एकड़ जगह केवल पंडाल के लिए ले ली गयी है। इस सम्बन्ध में निकलने वाली भव्य रथ यात्रा को लेकर भी संगत में भारी उत्साह है। यह रथ यात्रा 20 अप्रैल को दरेसी मैदान से चलेगी और अपने रूट से होती हुई पीरखाना पहुँच कर विश्राम करेगी। अगले दिन अर्थात 21 अप्रैल को सुबह साढ़े दस बजे चादर की रस्म होगी।इसके बाद 11बजे झंडे की रस्म होगी और इसके तुरंत बाद दोपहर को एक बजे केक काटा जायेगा। शाम होते होते चार बजे होगी मेहँदी की रस्म और पांच बजे शुरू होगी सूफियाना शायरी की महफिल। सूफी गायन की मस्ती के ये प्याले अगले दिन 22 अप्रैल को भी छलकेंगे। मस्ती की इस महफिल में गुरदास मान के साथ ही हंसर हयात निजामी, अनीस साबरी, शकील साबरी, सरदार अली, अमित धर्मकोटी, राकेश राधे, ललित गोयल, टोनी सुल्तान और बहुत से अन्य कलाकार। सूफी एंकर हेमंत वालिया मंच संचालन करेंगे। दूरदराज से आने वाली संगत के लिए विशेष प्रबंध किये गए हैं तांकि किसी को भी कोई असुविधा न हो।-रेक्टर कथूरिया
पीरखाना लुधियाना में मेले की सभी तैयारियां मुक्कमल
Tuesday, February 19, 2013
Saturday, February 16, 2013
Monday, February 4, 2013
उल्लुओं का गर्दन घुमाने का रहस्य अब खुला
3.02.2013, 15:34
दर्जनों उल्लुओं के एक्स-रे और सीटी स्कैन्स किए गए
उल्लू दिन की रौशनी में देख नहीं सकता लेकिन रात के अँधेरे में उल्लू की शक्ति बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। उल्लू की वचित्र खूबियों की चर्चा अक्सर सुनने में मिलती है। तन्त्र की दुनिया में तो उल्लू को वश में करने के बहुत ही कठिन तरीके भी बताये जाते रहे हैं। लेकिन इस सब के साथ साथ विज्ञान अपना काम करता है। अब विज्ञानं ने उल्लू की गर्दन में हैरानीजनक हद तक पाए जाते लचीलेपन के राज़ का पता लगा लिया है। रेडियो रूस ने इस सम्बन्ध में एक दिलचस्प खबर दी है।
दर्जनों उल्लुओं के एक्स-रे और सीटी स्कैन्स किए गए
फोटो: EPA
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उल्लू अपनी लचीली गर्दन के लिए मशहूर है और अब वैज्ञानिकों ने इसके कारण का भी पता लगा लिया है। उल्लू किसी भी दिशा में अपनी गर्दन को लगभग पूरा [270 डिग्री तक] घुमा सकता है और खास बात यह है कि ऐसा करने में उल्लू को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। उल्लू की शारीरिक संरचना के अध्ययन के लिए दर्जनों उल्लुओं के एक्स-रे और सीटी स्कैन्स किए गए। जागरण के अनुसार उल्लुओं का गर्दन घुमाने का रहस्य अब सुलझ गया है। इस अध्ययन के लिए उल्लू की नसों में रंगीन तरल प्रवाहित कर कृत्रिम रक्त प्रवाह बढ़ाया गया। उल्लू के जबड़े की हड्डी से ठीक नीचे सिर के आधार में स्थित रक्त वाहिकाएं रंगीन तरल के पहुंचने के साथ-साथ लंबी होती गई। यह प्रक्रिया तब तक चली जब तक कि यह रंगीन तरल रक्त भंडार में जमा नहीं हो गया। उल्लू में पाया जाने वाला यह गुण बिल्कुल अनोखा है जबकि मनुष्य में ऐसा नहीं होता है। (रेडियो रूस से साभार) उल्लू का राज खुला
Friday, February 1, 2013
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