Monday, February 4, 2013

उल्लुओं का गर्दन घुमाने का रहस्य अब खुला

3.02.2013, 15:34
 दर्जनों उल्लुओं के एक्स-रे और सीटी स्कैन्स किए गए
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                                                                                                                             फोटो: EPA
उल्लू दिन की रौशनी में देख नहीं सकता लेकिन रात के अँधेरे में उल्लू की शक्ति बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। उल्लू की वचित्र खूबियों की चर्चा अक्सर सुनने में मिलती है। तन्त्र की दुनिया में तो उल्लू को वश में करने के बहुत ही कठिन तरीके भी बताये जाते रहे हैं। लेकिन इस सब के साथ साथ विज्ञान अपना काम करता है। अब विज्ञानं ने उल्लू की गर्दन में हैरानीजनक हद तक पाए जाते  लचीलेपन के राज़ का पता लगा लिया है। रेडियो रूस ने इस सम्बन्ध में एक दिलचस्प खबर दी है।
उल्लू अपनी लचीली गर्दन के लिए मशहूर है और अब वैज्ञानिकों ने इसके कारण का भी पता लगा लिया है। उल्लू किसी भी दिशा में अपनी गर्दन को लगभग पूरा [270 डिग्री तक] घुमा सकता है और खास बात यह है कि ऐसा करने में उल्लू को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। उल्लू की शारीरिक संरचना के अध्ययन के लिए दर्जनों उल्लुओं के एक्स-रे और सीटी स्कैन्स किए गए। जागरण के अनुसार उल्लुओं का गर्दन घुमाने का रहस्य अब सुलझ गया है। इस अध्ययन के लिए उल्लू की नसों में रंगीन तरल प्रवाहित कर कृत्रिम रक्त प्रवाह बढ़ाया गया। उल्लू के जबड़े की हड्डी से ठीक नीचे सिर के आधार में स्थित रक्त वाहिकाएं रंगीन तरल के पहुंचने के साथ-साथ लंबी होती गई। यह प्रक्रिया तब तक चली जब तक कि यह रंगीन तरल रक्त भंडार में जमा नहीं हो गया। उल्लू में पाया जाने वाला यह गुण बिल्कुल अनोखा है जबकि मनुष्य में ऐसा नहीं होता है। (रेडियो रूस से साभार)  उल्लू का राज खुला

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