लेकिन उनके क्रोध से बचना ही बुद्धिमता होती है
अघोरी बाबाओं की प्रतीकात्मक तस्वीरें |
लुधियाना: 15 जून 2023: (रेक्टर कथूरिया//मीडिया लिंक रविंद्र//तंत्र स्क्रीन डेस्क)::
वह बताते थे एक बार एक अघोरी बाबा ने एक जगह आसान जमा लिया। इतने में द्वार खुला और एक महिला बाहर आई।अघोरी बाबा ने भोजन की इच्छा व्यक्त की। उस महिला ने थोड़ी देर पहली ही बना कर रखी दो रोटियां बाबा को सम्मान से दे दी।
भोजन करके उसे आशीर्वाद दे ही रहे थे कि पास में बैठा उनका कुत्ता उनकी तरफ ही मुंह कर के भौंकने लगा। ऐसे लगता था शायद उन्हें कुछ कह रहा हो। बाबा ने आंखें बंद की और कुत्ते की तरफ देखते हुए उसे बोले अच्छा अच्छा दे देता हूं। इतना कह कर अपनी पोटली में से एक बेशकीमती लाल निकाल कर उस महिला को दे दिया। साथ ही कहा इसे अपने बेटे के गले में रखना उसकी सुरक्षा होती रहेगी।
इतने में ही घर में से फोन की घंटी बजी तो वह महिला क्षमा मांग कर घर के अंदर गई लेकिन साथ ही कह कर गई कि वह फोन सुन कर अभी आती है। अंदर जा कर फोन सुना तो सन्न रह गई। फोन पर एक बुरी खबर थी। जिस जहाज़ से उसके दोनों बेटे घर लौट रहे थे वह हादसे का शिकार हो गया था। इस हादसे में उसका एक बेटा मर गया बताया गया लेकिन एक बेटे को बचा लिया गया। फोन सुन कर उसे बाबा समझ आई।
वह रोते रोते बाहर आई तो बाबा का कुत्ता फिर से भौंकने लगा। इस बार कुछ ज़्यादा ऊंची आवाज़ में भौंक रहा था। बाबा ने फिर उसे शांत करने के लिए हाथ खड़ा किया और कहा अच्छा अच्छा दूसरा भी दे देता हूं। यह कह कर बाबा ने अपने कंधे से उतार कर रखे झोले में से फिर वही पहले वाली पोटली निकाली और और दूसरा लाल निकाल कर भी दे दिया। साथ ही बोले भैरव बाबा नाराज़ हो रहे हैं और कह रहे हैं दूसरा लाल भी दे दो। ले अब तेरे दूसरे लाल को भी कुछ नहीं होगा। इस पर महिला ने रोते हुई फोन पर सुनी सारी खबर बाबा को बताई। बाबा फिर मुस्कराते हुए बोले चिंता मत कर तेरे दुसरे लाल को भी कुछ नहीं होगा। दोनों सुरक्षित तेरे पास रहेंगे।
इतने में फिर से फोन की घंटी बजी। उन दिनों मोबाईल नहीं हुआ करते थे। महिला फोन सुनने के लिए भाग कर घर कर अंदर गई। इस बार फोन था आपके दोनों बेटे सुरक्षित हैं। पहले हमें बेहोशी के कारण धोखा हुआ था। महिला की आँखों से आंसुओं की धरा नेह निकली। वह आँखें पौंछती हुई बाहर आई और बाबा के चरणों पर गिर पड़ी। बाबा ने उन्हें झोले से फिर कुछ प्रसाद दिया और कहना अपने ाप्ति और दोनों बेटों को भी खिलाना सब ठीक रहेगा। इसके साथ ही आशीर्वाद देते हुए उठ खड़े हुए। इस दर से मिली वो दो रोटियां तो शायद बहाना थीं। अघोरी बाबा उस महिला के दोनों बेटों को जीवनदान देने आए थे।
क्या होते हैं अघोर पंथ के गहन रहस्य? कौन होते हैं अघोरी? कैसा होता है इनका जीवन? इसकी चर्चा किसी अलग पोस्ट में जल्दी ही की जाएगी।
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